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Noopur Shandilya's Namaste

written by me .. something like poetry.

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  • Updated 1 Year Ago

चरैवेति चरैवेति ....

Updated 6 Years Ago

चलते रहो । मुसलसल सफ़र में रहो । मंज़िल तक पहुंचो, ना पहुंचो । चलते रहो । मील के पत्थरों से राह पूछो । बरगद की छांव में कुछ देर सुस्ता लो । ...
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