Tikuli

Tikuli's Spinning A Yarn Of Life

My blog reflects all that is part of me and what I believe
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  • Updated 4 Years Ago

एक शहर ये भी - कविता 4 - भूली बिसरी यादें

Updated 5 Years Ago

आज कुछ सायों से मुलाक़ात हुई पुरानी यादें थी साथ हो लीं दरयागंज में गोलचा सिनेमा के पास संडे बुक मार्किट में किताबों के पन्ने पलटते हुए पुराने दिन याद आ गए, भीड़भाड़, किताबों, सिक्को, कपड़ों की छोटी छो…
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