आम आदमी के नाम पर
योगेन दा प्रणाम , मैं कौन हूँ ये बताने का कोई प्रयोजन नहीं , क्योंकि मैं आम ...
10 Years Ago
समाचार - सदा सीरियस ही क्यों, सरस क्यों नहीं
समाचार – पता नहीं क्यों नाम से ही सीरियस लगता है ये शब्द, समाचार लोगों को गुदग...
14 Years Ago
दिख रही है बदलाव की बयार
लंदन में बीयर की गिलास थामे गोरों के साथ कॉरपोरेटिआए अंदाज़ में बतियाते कॉन...
15 Years Ago
पर्दे पर चाय-पानी पिलानेवाले वे बच्चे
"शाहरूख़ ख़ान - म्च्च, दम है बॉस, मैं तो बस स्वदेस के उस एक सीन के बाद से ही उसका......
15 Years Ago
एक लेखकाना शाम
शाम हो रही है, जिस काम के लिए पाउंडरूपी पैसे मिलते हैं, वो काम ख़त्म है, ऑफ़िसि...
15 Years Ago
उल्टा तिरंगा और एक आम आदमी
आम धारणा है कि हमारे जैसे आमजनों की औकात रत्ती भर भी नहीं होती, कहने को लोकतंत...
15 Years Ago