बुलावा!
आज एक बार फिर मैं अपने समय के प्रसिद्ध गीतकार स्वर्गीय रमानाथ अवस्थी जी का ए...
8 Days Ago
शाम-ए-हिज्र की मुद्दतें
ये सुख़न जो हम ने रक़म किए ये हैं सब वरक़ तिरी याद के, कोई लम्हा सुब्ह-ए-विसाल क...
9 Days Ago
दूरियाँ कभी क़ुर्बतें!
सभी कुछ है तेरा दिया हुआ सभी राहतें सभी कुल्फ़तें, कभी सोहबतें कभी फ़ुर्क़ते...
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‘कैफ़’ ही के साथ!
लिखता है ग़म की बात मसर्रत के मूड में, मख़्सूस है ये तर्ज़ फ़क़त ‘कैफ़’ ही के ...
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शा’इर हिकायतें न सुना
शा’इर हिकायतें* न सुना वस्ल ओ इश्क़ की, इतना बड़ा मज़ाक़ न कर शाइरी के साथ| *Stories ...
9 Days Ago
मिरी आवारगी के साथ!
शाइस्तगान-ए-शहर मुझे ख़्वाह कुछ कहें, सड़कों का हुस्न है मिरी आवारगी के साथ| क...
9 Days Ago