With Love to Srishti
आज का दिन कुछ खास है, कुछ खास ही होगा, कि तुम्हरी शादी कल और मेहन्दी आज है| छोटी ...
11 Years Ago
तन्हाई
चारों और के अंधियारे में जब मैं छत पर बैठा था अकेला, दूर तक निहारने कि कोशिश क...
13 Years Ago
कुछ पोखरण यहाँ भी, कुछ विस्फ़ोट वहां भी
कुछ पोखरण यहाँ भी, कुछ विस्फ़ोट वहां भी, एटम बम बनाके है खुश यह जहान भी, जब फटेग...
13 Years Ago
तुम्हारा साथ
#प्रीती के लिऐं #21st Nov 2010 – एक साल साथ निभाने और मुझे झेलने के लिएँ तेरे मिलने से प...
13 Years Ago
तमसो मा ज्योतिर्गमय
#यह कहानी मैने १-अगस्त-२००१ को आगरा में लिखी थी “तमसो मा ज्योतिर्गमय” वह दिन आ...
13 Years Ago
कब होगा यह सच, या कभी नहीं?
कब से अरमान ज़िन्दगी के जगा रहा हूँ, कब से उसे मैं बिन रुके बुला रहा हूँ, कब से ...
14 Years Ago