‘तुम्हारे शहर में आए हैं हम, साहिर कहां हो तुम’
- राजकुमार केसवानी
इस दुनिया के दस्तूर इस क़दर उलझे हुए हैं कि मैं ख़ुद को स...
13 Years Ago
ज़माना गुज़रा है अपना ख़याल आए हुए
मैं अपनी हज़ार चीज़ों से ख़फा हूं - अपनी सूरत से. अपनी आदतों से. अपने अलालपन से. अप...
13 Years Ago
Allen Ginsberg - America
एलेन गिंसबर्ग अपनी प्रसिद्ध कविता 'अमेरीका' (अमरीका) का जिस तरह पाठ करते थे, उ...
14 Years Ago
टी.एस.इलियट - अ गेम आफ चेस
लीजिये पेश है टी.एस.इलियट की ‘वेस्टलैंड’ का दूसरा भाग – ‘अ गेम आफ चेस’. ...
14 Years Ago
टी.एस.इलियट - कविता पाठ
इस ख़ूबसूरत चीज़ को अकेले सुनते-सुनते जी चाहा की आप सबके साथ इसे शेयर करूँ । स...
14 Years Ago
बाजे वाली गली
नव वर्ष की शुभकामनाएं २०१० सभी के लिए मंगलमय हो राजकुमार केसवानी ...
14 Years Ago