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Shikhar Goel's Poems And More

it's a collection of reflections and thoughts which have
acquired a form of poems(hindi) currently....they might
change with time....let's see

  • Rated2.3/ 5
  • Updated 3 Years Ago

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वेटलिस्ट (Waitlist)
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तुम बहुत पसंद आये हमें तुम्हारे लिए ही बनी ये जगह हम बेशक़ चाहते है तुम आओ मगर...
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तरकीबें
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दराज़ों में इंक़लाबी पर्चों, इंस्ट्रक्शन मैन्युअलस और वारंटी कार्डस के नीच...
3 Years Ago
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अम्मा
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संकरी गलियाँ अशोक व्रक्ष परचून की दूकान दुर्गा मंदिर मिली हुई छतें   ग़र तुम इ...
4 Years Ago
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टूथ ब्रश
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कितनी बार कहा है तुमसे मटन तुम्हारा मीट नहीं. मुझे फिर ज्यादा महनत लगी रसीले ...
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तीन मूर्ती लाइब्रेरी
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१. नेहरु कभी घूमते थे यहाँ, मौलाना, प्रसाद, पटेल बाद दफ्तर के सब आते थे साथ पीने...
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महज़ ये कहने के लिए…
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महज़ ये कहने के लिए की इंसान धर्म से बड़ा है देशप्रेम और राष्ट्रवाद दो अलग बाते...
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