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M VERMA's Ghazal Geet

Hindi Ghazal Blog

  • Rated3.4/ 5
  • Updated 4 Years Ago

Recent blog posts from Ghazal Geet


सूरज से टकराया
सूरज से टकराया
आतुर सुलझाने को उलझा धागा वह जागा उठकर भागा, सूरज से टकराया चकराया, गश खाय...
4 Years Ago
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अपराधो पर अंकुश का \
अपराधो पर अंकुश का \'रामबाण\'
नवगठित सरकार आरम्भ से ही सक्रिय हो गयी. जनता की परेशानियो को समझने के लिये ...
4 Years Ago
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 मूर्खता : एक सात्विक गुण
मूर्खता : एक सात्विक गुण
मूर्खता एक सात्विक गुण है, जिसे धारण करने से अपमान की सम्भावना कम हो जाती है. ...
4 Years Ago
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तुम्हारी आशिकी शक के दायरे में है …
तुम्हारी आशिकी शक के दायरे में है …
पीये और पिलाए नहीं तो क्या किया? पीकर भी जो लड़खडाए नहीं, तो क्या किया? . तुम्...
4 Years Ago
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मासूम के पर कुतरे होंगे ---
मासूम के पर कुतरे होंगे ---
कितनी जद्दोजहद से वे गुजरे होंगे तब कहीं गहरी झील में उतरे होंगे उड़ान भर...
4 Years Ago
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लुटा हुआ ये शहर है
लुटा हुआ ये शहर है
ख़बर ये है कि  ख़बरों में वो ही नहीं जिनकी ये ख़बर है . डर से ये  कहीं मर न जा...
4 Years Ago
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