Vikalp Dubey

Vikalp Dubey's Doors In A Window

Basic blabbering, Random romances, Earthly emotions,
Childish curiosities, Common confusions, Gibberish gyan. It
goes on.

  • Rated2.2/ 5
  • Updated 12 Years Ago

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छंद
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शब्द
पढ़ लो जो पढ़ सको तो आज मेरी कविता में शब्द नहीं हैं सन्नाटा है काली रात...
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जुगनू
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बड़ा लंबा समय गुज़ारा संग तेरे अब जाने की है बेला कुछ काम पड़े हैं गंदे ...
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आधे पल
दिन दिन भर दहाड़ती सी पत्थरों को उखाड़ती सी भागती, हाँफती, नकारती सी मरती...
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सवाल
उसकी आँखों में छुपे रहने को कितने राज़ हैं जो मचलते हैं खींच खींचकर ,  बा...
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पापा की काली स्वेटर
पापा की काली स्वेटर
तुलना करूँ तो कितनी बातों की? जीवन, जीवन जीने का तरीका, आदर्श, सहजता, सुलभता, प...
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