छंद
जो भी लिखा है लिखता हूँ लिख पाता हूँ जो भी तुमको सुनाता हूँ कुछ और नहीं ...
12 Years Ago
शब्द
पढ़ लो जो पढ़ सको तो आज मेरी कविता में शब्द नहीं हैं सन्नाटा है काली रात...
12 Years Ago
जुगनू
बड़ा लंबा समय गुज़ारा संग तेरे अब जाने की है बेला कुछ काम पड़े हैं गंदे ...
12 Years Ago
आधे पल
दिन दिन भर दहाड़ती सी पत्थरों को उखाड़ती सी भागती, हाँफती, नकारती सी मरती...
12 Years Ago
सवाल
उसकी आँखों में छुपे रहने को कितने राज़ हैं जो मचलते हैं खींच खींचकर , बा...
12 Years Ago
पापा की काली स्वेटर
तुलना करूँ तो कितनी बातों की? जीवन, जीवन जीने का तरीका, आदर्श, सहजता, सुलभता, प...
12 Years Ago