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Sanjeev Choubey's Dil Ki Awaz

you will find hindi poems, ghazals on various subject

  • Rated2.6/ 5
  • Updated 12 Years Ago

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हुनर कैसे कैसे
फनकार करते हैं अब बसर जैसे तैसे फ़ना हो चुके हैं हुनर कैसे कैसे मयकशी, रंजोग...
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म्याने बस
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दिखावे ही को है म्याने बस, तलवार नही है, कुछ एक है भी तो उनमे भी धार नही है, चाक-...
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थाम लिया होता
जो गिरने से पहले ही मुझे थाम लिया होता. मैने भी कहाँ अब तक तेरा नाम लिया होता, ...
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गरचे जिगर ना हो
मफलिसो, यतीमों पे जिसकी नज़र ना हो वो अधूरा दौलतमंद है जिसमे सबर ना हो, दौलत ...
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शाम ढलते ढलते
कल फिर सहर मे होगी, मुलाकात चलते चलते  सूरज कह गया था ये, शाम ढलते ढलते पलकों ...
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आम आदमी
बना, बिगड़ा, गिरा, संभला, उठा, बैठा, बहा, बहका कभी रोया, कभी चहका, कभी खोया कभी मह...
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