Divanshu Goyal

Divanshu Goyal's Manoram Sparsh

It is about seeing the various colors of life through the
writing. A place where one can find poetry written with a
good knowledge of writing and to keep the personal thoughts
in mind.

  • Rated2.5/ 5
  • Updated 9 Years Ago

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बच्चे की नींद
बच्चे की नींद
गहराती रात में, टिमटिमाती दो आँखें, एक में सपने, एक भूख, अंतर्द्वंद दोनों ...
9 Years Ago
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रेल की पटरियां
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रेल की दो पटरियां, अनवरत चलती हुई, जीवन की जटिलताओं से दूर, मानो ज़िद हो गंतव्...
9 Years Ago
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हार न अब तू मान लेना
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राह में पाषाण युग है, श्वान भूँकते अनवरत हैं, परिस्थितियों की वक्र रेखा, सर...
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१५ अगस्त
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             १५ अगस्त का दिन था। मैं गांधी मैदान पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस सम...
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एक कागज़ के, ज़मीन पर बिखरे कुछ टुकड़े, टुकुर-टुकुर ताकते हैं, उस घूमते पंखे ...
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पैरों के निशान
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मैं हिमालय की उस घाटी में, जो दुर्गम, गहन, गंभीर थी, उतरता चला गया, विचारों क...
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