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Laxmi N. Gupta's Kavyakala

Primarily my poems and prose pieces

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  • Updated 1 Year Ago

मानवता और हँसी

Updated 5 Years Ago

भाग्यहीन हैं वे नर जिनको हँसना नहीं आता है न ख़ुद पर न औरौ पर कहते हैं कि सारे प्राणियों में केवल मानव हँस पाता है तो यह एक प्रश्न चिंह है ...
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