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Laxmi N. Gupta's Kavyakala

Primarily my poems and prose pieces

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  • Updated 1 Year Ago

एक दिन था

Updated 6 Years Ago

एक दिन था जब हम तुम पे मरते थे एक दिन था जब तुम हम पे मरते थे अब न हम तुम पे मरते हैं न तुम हम पे मरते हो हमारे और तुम्हारे किसी और पे मरने...
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