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Laxmi N. Gupta's Kavyakala

Primarily my poems and prose pieces

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  • Updated 1 Year Ago

कविता क्या है

Updated 6 Years Ago

कभी शालीन परिवार की कुल-वधू की भाँति सभी नियम मानती छन्दबद्ध चलती है सारी परम्परायें मान कर चलती है मानव-कृत नहर की तरह तट-बद्ध चलती है कभी...
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