Raja Vishal Oberoi

Raja Vishal Oberoi's Poetry & Short Stories

Poetry & Short Stories by RVO

  • Rated2.2/ 5
  • Updated 4 Years Ago

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~ खरोश…
~ खरोश…
~ खरोश… मेरी खाब में ही रूह काँप जाती है, हैरां हूँ कि तुम्हें नींद खूब आती है... ...
4 Years Ago
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~ उड़दाँ पंजाब…
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~ उड़दाँ पंजाब… ज़िंदगी दे क़िस्से, आए सारयाँ दे हिस्से, किसे नू दीस्से, किसे ...
4 Years Ago
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~ तरक्की …
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~ तरक्की ... प्लाट पर काम शुरू हो चुका था... खुदाई, नींव, पिलर, उसके बाद दीवारें, फि...
4 Years Ago
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~ बंदा…
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~ बंदा... कुछ लोग कभी तन्हा नहीं होते, जिस गाह होते है, उस गाह नहीं होते... घुटनों-घ...
4 Years Ago
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~ फुटपाथ…
~ फुटपाथ…
~ फुटपाथ… मेरे पैरों में छाले हैं, ज़बान में मेरी काँटे, मैला-कुचैला मेरा थैला...
4 Years Ago
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~ माला आराम की…
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~ माला आराम की... राधा को हो जैसे श्याम ना मिला, हमको भी काम का कोई काम ना मिला... य...
4 Years Ago
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