Shoonya

Shoonya's Shoonyakonn

वाणी मदिर..जीवन जटिल..
लेखनी कुटिल. मदिरालय
से सीधे चल शब्द यहाँ
पहुँचे हैं।

  • Rated2.4/ 5
  • Updated 13 Years Ago

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कुछ हसरतें जेब में दबी रह गयीं
पाया …के कुछ हसरतें जेब में दबी रह गयीं अब समझ में आया ..ज़िंदगी क्यों अधूरी र...
13 Years Ago
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एकाकी के इस जमघट में मैं इक लौ जगाये बैठा हूँ
एकाकी के इस जमघट में – मैं इक लौ जगाये बैठा हूँ...
13 Years Ago
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उन नयनों में कुछ ढ़ूँढ़ा था मैंने
उन नयनों में कुछ ढ़ूँढ़ा था मैंने खोया वही, जो कभी पाया ना मैंने...
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इस बारिश में शराब बरसे
इस बारिश में शराब बरसे
बरकत हो जिनके लबों में एसे ही हसीन शबाब बरसें।...
13 Years Ago
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आईना भी अब तकरार करता है
आईना भी अब तकरार करता है
आईना भी अब तकरार करता है शक्ल दिखाने से इन्कार करता है...
13 Years Ago
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हर इंसान को शराब दो
हर इंसान को शराब दो
हर इंसान परेशान है हर इंसान को शराब दो...
13 Years Ago
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