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Shreesh Kumar Pathak's Prakhar Dainandini

this is actually online diary, here i am trying to recollect
some experiences

  • Rated2.3/ 5
  • Updated 9 Years Ago

Recent blog posts from Prakhar Dainandini


साहित्य विभाजनकारी नहीं हो सकता, जब भी होगा जोड़ेगा.
साहित्य विभाजनकारी नहीं हो सकता, जब भी होगा जोड़ेगा.
साहित्य शब्द कानों में पड़ते ही सहित वाला अर्थ दिमाग में आने लग जाता है. साहि...
9 Years Ago
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साहित्य विभाजनकारी नहीं हो सकता, जब भी होगा जोड़ेगा.
साहित्य विभाजनकारी नहीं हो सकता, जब भी होगा जोड़ेगा.
साहित्य शब्द कानों में पड़ते ही सहित वाला अर्थ दिमाग में आने लग जाता है. साहि...
9 Years Ago
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ईश्वर यदि एक उपयोगी संकल्पना भी है तो वरेण्य तो हैं ही...!!!
ईश्वर यदि एक उपयोगी संकल्पना भी है तो वरेण्य तो हैं ही...!!!
धर्म की बात होती है तो सबसे पहले मुझे वोल्तेयर की कही ये उक्ति याद आती है- ईश...
9 Years Ago
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ईश्वर यदि एक उपयोगी संकल्पना भी है तो वरेण्य तो हैं ही...!!!
धर्म की बात होती है तो सबसे पहले मुझे वोल्तेयर की कही ये उक्ति याद आती है- ईश...
9 Years Ago
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मुझे उम्मीद नही है..!
मुझे उम्मीद नही है..!
मुझे उम्मीद नही है, कि वे अपनी सोच बदलेंगे.. जिन्हें पीढ़ियों की सोच सँवारने क...
13 Years Ago
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मुझे उम्मीद नही है..!
मुझे उम्मीद नही है..!
मुझे उम्मीद नही है, कि वे अपनी सोच बदलेंगे.. जिन्हें पीढ़ियों की सोच सँवारने क...
13 Years Ago
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