Vivek Rastogi

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  • Updated 1 Year Ago

मन का मैल काटने में लगा हूँ - कल्पतरु

Updated 6 Years Ago

मन का मैल काटने में लगा हूँ - कल्पतरु
कुछ दिनों पहले तक बहुत अजीब हालात से गुजर रहा था, बैचेनी रहती थी, पता नहीं कैसे कैसे ख्याल आते थे, पुरानी बातें बहुत परेशान करती थीं, कभी कुछ अच्छा याद नहीं आता था, हमेशा ही बुरा ही याद आता था। ऐसा नहीं कि जीवन में अच्छा हुआ ही नहीं, या बुरा भी नहीं हुआ, …Continue reading...
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