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Sandeep Kr. Pandey's Kabira Khada Bazar Mein

Kabira todays media is sold in the hands of market snatch
the mask off those who committ PEN PROSTITUTION.To stop
cultural terrorism, we will have to keep constant eatch over
cathode eye gossip

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  • Updated 1 Year Ago

9+ Avatar image 47:17 / 54:14 20, GHUNGHAT KE P घूँघट के पट खोल रे, तोहे पिया मिलेंगे । घट घट में तेरे साईं बसत है, कटुक बचन मत बोल रे । धन जोबन का गरब ना कीजे, झूठा इन का मोल ।पचरंग है सब झोल। जोग जुगत से रंग महल में, पिया पायो अनमोल । सुंन मंदिर, दियरा बार के, आसन से मत डोल । कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधों, अनहद बाजत ढोल । भावसार : जीवात्मा पर मायामोह रूपी अज्ञान का पर्दा पड़ा हुआ है जो आत्मा को परमात्मा से विलग किये हुए है। ऐसे में बहुरिया (आत्मा )दूल्हा (परमात्मा )से कैसे मिले ?

Updated 1 Year Ago

    9+  Avatar Image   47:17 / 54:14   20, GHUNGHAT KE P   घूँघट के पट खोल रे, तोहे पिया मिलेंगे ।  घट घट में  तेरे साईं बसत है, कटुक बचन मत बोल रे ।  धन जोबन का गरब ना कीजे, झूठा इन का मोल ।पचरंग है सब झोल।   जोग जुगत  से रंग महल में, पिया पायो अनमोल ।  सुंन  मंदिर, दियरा बार  के, आसन से मत डोल ।  कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधों, अनहद बाजत ढोल ।  भावसार :  जीवात्मा पर मायामोह रूपी  अज्ञान का पर्दा पड़ा हुआ है जो आत्मा को परमात्मा से विलग किये हुए है। ऐसे में बहुरिया (आत्मा )दूल्हा (परमात्मा )से कैसे मिले ?
कृपया यहां भी पधारें : (१)https://www.youtube.com/watch?v=ar5lHsWN3Fg (२ ) IN Skip navigation 9+ 0:27  /  28:34 कबीर : घूँघट के पट खोल CEC 5...
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