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Mayur Dubey's Jeevan Ke Rang

poems written by me and my friend

  • Rated2.3/ 5
  • Updated 2 Years Ago

Recent blog posts from Jeevan Ke Rang


चलना हमारा काम है / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
गति प्रबल पैरों में भरी फिर क्यों रहूं दर दर खडा जब आज मेरे सामने है रास्ता इत...
2 Years Ago
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आया प्यारा मौसम छप छ्प छप छप कीचड का
के देखो कैसे भूरी मिटटी काली काली बन जाती है . कैसे मेंडक ऊपर आकर, टर टर का राग...
10 Years Ago
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मेरी जिंदगी
काश के मुझे तुमसे प्रेम ना हुआ होता, तुम जानती हो मेरे कितने काम बढ़ गए हैं, मुझ...
14 Years Ago
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चाँद रात
तो कल रात आप फिर नही सोए , वही पुराने तारों को देखते रात गुजारी , आया वो त...
15 Years Ago
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ना जाने कहाँ खो गई
ना जाने कहाँ खो गई
आज हम इतने आगे बाद गए हैं की पीछे छुते अपने ही पैरों के निशानों को पहचाना शाय...
15 Years Ago
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मेरा ये दिल भी बस मुफलिसी मैं ही मचलता है
मेरा ये दिल भी बस मुफलिसी मैं ही मचलता है
ये दौर जिंदगी का ना जाने क्यूँ बदलता है , मेरा दिल भी बस मुफलिसी मैं ही मचल...
15 Years Ago
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