S

Sumit Gaur's Mere Qalam Ke Lafzo Se

writing is best way to express and I try to express my
point of view about society's nature in my blog

  • Rated3.0/ 5
  • Updated 4 Years Ago

अब जब यहाँ कोई नहीं है, तो थोड़ा वक़्त मिला है

Updated 5 Years Ago

अब जब यहाँ कोई नहीं है, तो थोड़ा वक़्त मिला है
अब जब यहाँ कोई नहीं है तो थोड़ा वक्त मिला है वक्त मिला है चश्मे के पीछे से झांकती आँखों को पढने का. होंठों की लकीरों के दायरों को पार करके बनते नए दायरों कों समझने का. अब जब यहाँ कोई नहीं है तो थोड़ा…
Read More