मशहूर लेखक व नाटककार विलियम शेक्सपियर ने कहा था ''नाम में क्या रखा है'' लेकिन पिछले कुछ वक़्त से हमारे देश के नेताओं को लग रहा जैसे नाम में ही सबकुछ रखा है। सारे ज़रूरी मुद्दों को दरकिनार करके सिर्फ नाम बदलने की होड़ लगी हुई है। ऐसा लगता है जैसे नाम बदल देना ही हर समस्या का समाधान होता जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत के बाद से ही उनकी पार्टी के नेताओं पर जगहों के नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने के जूनून सवार हो गया है। सड़कों, चौराहों और कई जगहों का नाम बदलने की घोषणा की जा रही है। उन्हें लगता है की सिर्फ नाम बदल देने से ही पूर्व प्रधानमंत्री को सम्मान दिया जा सकता है।
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