Veerendra Shivhare

Veerendra Shivhare's Veerkikalamse

तुझे अपना कहूं तो किस
हक से वीर, तेरी साँसों
ने छीन ली जिंदिगी मेरी

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  • Updated 5 Years Ago

मैं न कोई मसीहा न कोई रहनुमा हूँ • वीरांश | वीर की कलम से

Updated 8 Years Ago

मैं न कोई मसीहा न कोई रहनुमा हूँ • वीरांश | वीर की कलम से
मैं न कोई मसीहा, न कोई रहनुमा हूँ, मैं अपनी आग हूँ, मैं अपना ही धुंआ हूँ। मुझे परखने वाले शायद ये नहीं जानते, मैं अपना गुनाह हूँ, मैं अपनी ही सज़ा हूँ। हर बार नाकाम हुई है साजिश दुनिया की, मैं अपना मुकद्दर हूँ, मैं अपना ही खुदा हूँ। मुझे लौट कर फिर वहीं …
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