भीड़ द्वारा ये हत्याएं और आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है न सरकार और न ही पुलिस का इस पर कोई नियंत्रण है। कुछ घटनाओं में सरकार सिर्फ निंदा कर देती है कुछ दिनों के बाद फिर से ऐसी ही कोई नई खबर आ जाती है। 28 जून को झारखण्ड में बुज़ुर्ग उस्मान अंसारी भी गोरक्षा के लिए इंसान की हत्या के लिए तैयार हत्यारी भीड़ का शिकार बने। अब आये दिन किसी को भी भीड़ द्वारा हत्या की जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश जी भी आज इस भीड़ का शिकार बने। एक राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भीड़ के रूप में संगठित होकर उन पर जानलेवा हमला किया जिसमे उन्हें काफी चोट पहुंची है।
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